President | Presidential Qualifications| Presidential Term|salary and allowances

President (राष्ट्रपति)

भारतीय संविधान द्वारा देश में लोकतंत्रात्मक प्रभुसता धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की स्थापना की गई है। गणराज्य के सिद्धांत के अनुसार संघीय स्तर पर राजनीतिक कार्यपालिका के रूप में राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के दो महत्वपूर्ण आज हमारे संविधान निर्माताओं ने सृजित किए थे। भारत में भी इंग्लैंड के समान शासन प्रणाली के रूप में संसदीय शासन पद्धति को अपनाया गया है, जिसके अंतर्गत संवैधानिक कार्यपालिका के रूप में राष्ट्रपति होता है जिसे राष्ट्र का अध्यक्ष का गौरव प्राप्त होता है।
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President

संविधान की धारा 53 के अनुसार,''भारतीय संघ की कार्यपालिका शक्तियां भारत के राष्ट्रपति में निहित होगी 

संविधान की धारा 74 के अनुसार,'' राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए मंत्री परिषद है, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री करता है।

राष्ट्रपति पद के लिए योग्यताएं

(1) वह भारत का नागरिक हो।
(2) उसकी आयु 35 वर्ष से कम ना हो।
(3)उसने वह सभी योग्यताएं होनी चाहिए जो लोकसभा के सदस्य बनने के लिए आवश्यक है।
(4) वह किसी भी ना पद पर ना हो।

राष्ट्रपति का कार्यकाल

राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का है वह पुन: भी चुना जा सकता है। संविधान के अंतर्गत राष्ट्रपति बार-बार निर्वाचित होे सकता है।इसके विपरीत अमेरिका के संविधान में राष्ट्रपति केवल दो बार ही इस पद पर रह सकता है।भारत के राष्ट्रपति पद तीन कारण से ही खाली जा सकता है।
(1) यदि वह स्वयं त्याग पत्र दे।
(2) दुर्भाग्यवश उसका देहांत हो जाए।
(3) उसे महाभियोग के द्वारा पद से हटा दिया जाए।

ऐसी स्थिति में उपराष्ट्रपति इस पद‌ को ग्रहण कर लेता है। लेकिन 6 माह में नए राष्ट्रपति का चुनाव होना आवश्यक है। अगर नए राष्ट्रपति का चुनाव किसी कारणवश ना हो सके तो पहले वाला राष्ट्रपति उस समय तक अपने पद पर बना रहेगा, जब तक उसका उत्तराधिकारी ‌ पद न  संभाल ले। राष्ट्रपति को अपना त्याग पत्र लिखकर उपराष्ट्रपति को भेजना होता है। तथा उपराष्ट्रपति को इसकी सूचना तुरंत लोकसभा स्पीकर को देनी होती है।

राष्ट्रपति के वेतन तथा भत्ते

वर्तमान समय में भारत के राष्ट्रपति को ₹500000 मासिक वेतन दिया जाता है। इसके अलावा रहने के लिए निवास स्थान तथा कई अन्य भत्ते मिलते हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद उसे ₹300000 वार्षिक पेंशन भी मिलती है। तथा निशुल्क आवास, कार, टेलीफोन, बिजली पानी और सचिवालय की सुविधाएं भी प्रदान होती है। राष्ट्रपति का वेतन तथा सभी भते संचित निधि से प्राप्त होते हैं। जिन्हें उसके कार्यकाल में कम नहीं किया जा सकता।

विशेषाधिकार

संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार राष्ट्रपति को अपने अधिकारों तथा शक्तियों के प्रयोग के लिए किसी भी न्यायालय के प्रति उत्तरदाई नहीं ठहराया जा सकता। उसके कार्यकाल मैं उसको गिरफ्तार तथा बंदी नहीं बनाया जा सकता। तथा उसके विरुद्ध फौजदारी कार्यवाही नहीं हो सकती।
राष्ट्रपति के निजी कार्यों के लिए कोई भी दीवानी कार्यवाही या मुकदमा उसके विरुद्ध कम से कम 2 महीने पहले नोटिस दिए बिना नहीं चलाया जा सकता।

राष्ट्रपति पर महाभियोग

इस विधि का वर्णन संविधान की धारा 61 में किया गया है। इस विधि के अंतर्गत संसद के दोनों सदनों में जो सदन आरोप लगाना चाहता है।, उसको ¼ सदस्यों के हस्ताक्षरों सहित इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास 14 दिन पूर्व भेजना पड़ता है। जब सदन में महाभियोग विषय पर चर्चा चल रही होती है,तो राष्ट्रपति ऐसे समय पर समय उचित होकर या किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा आरोपों का जवाब दे सकता है। यदि वह बहुमत से या प्रस्ताव पारित कर दे तो दूसरा साधन उन आरोपों की जांच करता है। यदि दूसरा साधन भी ⅔  बहुमत से उन आरोपों को सही मान ले, तो राष्ट्रपति को अपना पद रिक्त करना पड़ता है। ऐसी सिटी में उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति का कार्यभार संभालता है। यदि राष्ट्रपति त्यागपत्र दे देता हैया उसकी मृत्यु हो जाए तो सर्वोच्च न्यायालय का सर्वोच्च न्यायाधीश कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है। जैसे सन् 1969 मैं राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मृत्यु पर उप राष्ट्रपति वीवी गिरी के त्यागपत्र देने के कारण से उच्च न्यायालय के सर्वोच्च न्यायाधीश श्री हिदायतुल्ला ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। लेकिन 6 महीने के अंदर नहीं राष्ट्रपति का चुनाव होना अनिवार्य है। भारत में अभी तक किसी भी राष्ट्रपति के विरुद्ध महाभियोग प्रस्ताव नहीं लाया गया है।
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